राधेय /-/-/-/-/-/-/-/- महाभारत काल के महावीर कर्ण के जीवन पर आधारित 14 सर्गों का महाकाव्य -\-\-\-\-\-\-\-\
अश्वत्थामा महाभारत काल में गुरु द्रोण तथा कृपी से उत्पन्न अश्वतामा जो सात चिरंजीवियों में गिने जाते हैं के चरित्त पर आधारित 18 सर्गों का महाकाव्य
देवव्रत अपनी प्रतिज्ञा पितृ भक्ति वीरता तथा ज्ञान व त्याग के अनुपम आदर्श भीष्म के चरित पर आधारित 20 सर्गों का महाकाव्य
मरु और मेरु भारत की शाश्वत उदात्त आर्य संस्कृति की सहिष्णुता का लाभ उठाकर आक्रामक दानवीय तथा विनाशक अप संस्कृति के आक्रमण का मरु और मेरु अर्थात् मरुस्थल और सुमेरु पर्वत के प्रतीक के रुप में वर्णन 6 अध्यायों के इस खण्ड काव्य में किया गया है ।
रत्नेश (कविता संग्रह) /-/-/-/-/-/-/-/- वर्ष 1986 से जनवरी 2017 की अवधि में लिखी गईं कविताओं का संकलन -\-\-\-\-\-\-\-\
वायस प्रबोध (व्यंग्य काव्य) भारतीय संस्कृति में हंस को ज्ञान और विवेक तथा पवित्रता का प्रतीक माना गया हैं । किंन्तु कलियुग में धूर्त कौवा हंस को उपदेश दे रहा हैं । और कुतर्क करके हंस को मौन कर देता हैं ।
नाडी /-/-/-/-/-/-/-/- नाडी -\-\-\-\-\-\-\-\